#Quote

उदास करती है मुझे हर रोज़ ये शाम, ऐसा लगता है जैसे कोई भुला रहा है धीरे-धीरे…!!

Facebook
Twitter
More Quotes
सूरज और चांद की ख्वाहिश नहीं मुझे, जहां दिल को सुकून मिले वहीं मेरे खुदा का दर है।
जो लोग दर्द को समझते हैं वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते
वो किताबों में लिखा नहीं था , जो सबक़ ज़िन्दगी ने सिखाया मुझे !
अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने, ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने
अगर सुबहे आपकी उदास रहेंगी तो शामे फिर किस आस में
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया
मुझे दोस्ती करनी हैं इस वक़्त के साथ
अगर सुबहे आपकी उदास रहेंगी , तो शामे फिर किस आस में रहेंगी।
इतना उदास ना हो-ए-दिल, बस भरोसा ही तो टूटा है, ये बिछड़ने वाले कब अपने होते है, कोई पराया ही तो रूठा है..!!!
तुझे खोकर भी है एक तसल्ली मुझे अब मेरे साथ और क्या बुरा होगा