#Quote
More Quotes
ऋतुओं की चादर ओढ़कर तुमने ही मुझे जीना सिखाया बहन तुम्हारी ममता ने सादगी का अमृत पीना सिखाया -- मयंक विश्नोई
मौन, मैंने समझा है , एक ऐसी चीज़ है जो आप वास्तव में सुन सकते हो।
हार’ तो वो सबक है, जो आपको बेहतर बनने का मौका देती है।
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया
अब मत खोलना मेरी ज़िंदगी की पुरानी किताबों को.. जो था वो मैं रहा नहीं, जो हूं वो किसी को पता नहीं!
आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता, लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है
नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
मेरे ग़म का छोटा सा हिस्सा लेकर तो देखो , मरने की ख्वाहिश न करने लगे तो कहना
न जाने किस दरबार का चिराग़ हूँ मैं , जिसका दिल करता है जलाकर छोड़ देता है
ज्ञान सिर्फ किताबों से ही नहीं मिलता, जीवन की परिस्थितियां भी इंसान को बहुत कुछ सीखा देती हैं।