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अगर सुबहे आपकी उदास रहेंगी तो शामे फिर किस आस में

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उदास करती है मुझे हर रोज़ ये शाम, ऐसा लगता है जैसे कोई भुला रहा है धीरे-धीरे…!!
पतझड़ में ही रिश्तों की परख होती है, बारिश में तो हर पत्ता हरा ही दिखता है
उम्मीद की बस एक किरण ही काफी है आपकी आँखों में आयी
सदैव अकेले खड़े होने का साहस कीजिए, दुनिया ज्ञान देती है, साथ नहीं
कोई आपका साथ छोड़ जाये तो उदास मत होना क्योंकि, आपकी ज़िंदगी से बुरे लोग जायेंगे तभी अच्छे लोग आयेंगे।
अगर सुबहे आपकी उदास रहेंगी , तो शामे फिर किस आस में रहेंगी।
ज़िंदगी जो देदे ख़ुशी से ले लेना चाहिए मगर बदले में जो आपसे बन सके
दुनिया से दोस्ती अच्छी है मगर भगवान की यारी की तो
बस अपने मन को मजबूत रखिये ज़िंदगी खुद-ब-खुद हलकी
भरोसे में भी सावधानी रखना आवश्यक है, क्योंकि कभी - कभी खुद के ही दाँत जीभ काट देते हैं