#Quote

ताश का जोकर और अपनों की ठोकर अक्सर बाजी घुमा देते हैं।

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जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।
जिंदगी में हर जगह हम जीत चाहते है..सिर्फ फूलवाले की दुकान ऐसी है, जहाँ हम कहते है की हार चाहिए..क्योकि हम मगवान से जीत नहीं सकते
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िंदगी में, बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल न हो सका
जो लोग ठोकर खाकर भी चलते रहते हैं, वही एक दिन मंजिल पाते हैं
गलतियाँ जीवन का एक हिस्सा है, पर इन्हें स्वीकार करने का साहस बहुत कम लोगों में होता है।
हर ठोकर इस बात की चेतावनी देती है, की अब संभाल जाओ
लोग आपको नहीं आपके अच्छे वक़्त को अहमियत देते हैं
ताश का जोकर, और अपनों की ठोकर, अक्सर वाजी पलट देते है।
गुरुर किस बात का साहब, आज मिट्टी के उपर, तो कल मिट्टी के निचे
रूठे हुए को मनाना जिंदगी है, दुसरों को हंसाना जिंदगी है। कोई जीतकर खुश हुआ तो क्या हुआ, सब कुछ हारकर मुस्कुराना भी जिंदगी है।