#Quote

सारी उम्र गुज़री यूं ही रिश्तों की तुरपाई में, मन के रिश्ते पक्के निकले, बाकि उधड़ गए कच्ची सिलाई में

Facebook
Twitter
More Quotes
लोग आपको नहीं आपके अच्छे वक़्त को अहमियत देते हैं
हमें उम्र से हमने तुमको चाहा है, जिस उम्र में हम जिस्म से वकीफ ना थे..
एक पर्व ही बताता है कि ख्याल कितना है, वरना कोई तराजू नहीं होता रिश्तों में।
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िंदगी में, बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल न हो सका
इंसान का ‘ज़मीर’ और शतरंज का ‘वज़ीर’ एक जैसा होता है क्योकी अगर दोनो मर गए, तो खेल खत्म
वक्त जब शिकार करता है हर दिशा से वार करता है.
हजारों ख़्वाब टूटते हैं, तब कहीं एक सुबह होती है.
पतझड़ में ही रिश्तों की परख होती है, बारिश में तो हर पत्ता हरा ही दिखता है
तीन चीजें उम्र के साथ और अधिक कीमती हो जाती हैं – जलाने के लिए पुरानी लकड़ी, पढने के लिए पुरानी किताबें और आनंद लेने के लिए पुराने दोस्त।
गुरुर किस बात का साहब, आज मिट्टी के उपर, तो कल मिट्टी के निचे