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आंसू किसी और के दुख को समझता नहीं है, और न ही किसी की खुशी को। - Franz Schubert

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ख़ुशी, शांति और प्रेम – ये कोई आध्यात्मिक लक्ष्य नहीं हैं। यह सब तो समझदारीपूर्वक जीने की शुरुआत है ।
कौन समझता है किसी को कोई यहां झूठे दिलासे, कोरा सा अपनापन मिलता है मुफ्त में यहां।
उदास करती है मुझे हर रोज़ ये शाम, ऐसा लगता है जैसे कोई भुला रहा है धीरे-धीरे…!!
दुख तो मुफ्त में मिलते है, लेकिन सुख की कीमत तो देनी ही पड़ती है
खुशी कुछ तैयार नहीं होती, यह आपकी खुद की क्रियाओं से आती है।– दलाई लामा
आप चाहें जिस भी वस्तु की इच्छा करो, वह आपको आपके अपेक्षित रूप में नहीं मिलेगी. – हारुकि मुराकामी
सुंदर सा रिश्ता तुम्हारा-मेरा, जहां रहे सिर्फ खुशियों का पहरा।
अगर दुसरों को दुखी देखकर तुम्हे भी दुःख होता है तो, समझ लो की उपर वाले ने तुम्हे इंसान बनाकर कोई गलती नहीं की है
ऐ ज़िंदगी, आज तूने भी हमे अनदेखा कर दिया। हम खुशियो का इंतज़ार करते रह गए, और तूने हमे गमो मे ढकेल दिया।
जो हम खुशी से सीखते हैं उसे हम कभी नहीं भूलते। — अल्फ्रेड मर्सिएर