#Quote
More Quotes
कितना अजीब है लोगों का अंदाज-ऐ-मोहब्बत, रोज एक नया जख्म देकर कहते हैं अपना ख्याल रखना
मुझपर बहुत जिम्मेदारियां थी मेरे घर की, माफ करना मैं तेरे इश्क में मर नहीं सकता
धोका ऐसे ही नही मिलता, भला करना पड़ता है लोगो का
बस इसलिए हम कुछ नहीं कहते तुमसे, तुम समांझोगे नही और हम रो देंगे
कुछ पल का साथ देकर तुमने, पल पल के लिए बेचैन कर दिया
मुस्कुरा कर देखो ज़िन्दगी जीने का मजा भी आएगा और मंजिल भी मिल जाएगी।
यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं की, खैरियत पूछने वाला आपकी खैरियत भी चाहता हो
सहमी हुई थी झोपड़ी बारिश के खौफ से, मेहलो की आरजू थी के बारिश जरा जम के बरसे
सबर मेरा कोई क्या ही आजमाएगा, मैंने हंस के छोड़ा है उसे जो मुझे सबसे प्यारा था
जहां में डूबा था मुझे वही किनारा चाहिए, तू फिर आ मेरे पास मुझे तू दोबारा चाहिए