#Quote
More Quotes
आया राखी का त्यौहार , छाई खुशियों की बहार , एक रेशम की डोरी से बाँधा , एक बहन ने अपने भाई की कलाई पर प्यार
कुछ पल का साथ देकर तुमने, पल पल के लिए बेचैन कर दिया
ऑफिस का काम भी करना, घर में सबका ख्याल भी रखना,
माना दूरियां कुछ बढ़ सी गई है, मगर तेरे हिस्से का वक्त हम आज भी तनहा गुजरते हैं
खाली जेब लेकर निकलो कभी बाजार में, जनाब वहम दूर हो जाएगा इज्जत कमाने का
बड़ी अजीब होती है ये यादें, कभी हसा देती है, कभी रुला देती है
जो प्रेमी पूजते है अपनी प्रेमिका इष्ट की तरह, तय है उनका हवन की तरह जलना
जहां में डूबा था मुझे वही किनारा चाहिए, तू फिर आ मेरे पास मुझे तू दोबारा चाहिए
बस इसलिए हम कुछ नहीं कहते तुमसे, तुम समांझोगे नही और हम रो देंगे
कितना अजीब है लोगों का अंदाज-ऐ-मोहब्बत, रोज एक नया जख्म देकर कहते हैं अपना ख्याल रखना