#Quote
More Quotes
तुम बस काबिल हो बस मेरी नफरत के।
तेरी हर एक बात को हंसते-हंसते सह लूंगा बस मोहब्बत में शामिल कोई और ना हो
इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया वर्ना हम भी आदमी थे काम के
दुनिया को नफरत का सुबूत नहीं देना पड़ता,
नही हो अब तुम हिस्सा मेरी किसी हसरत के,
इश्क किया है तो तबाही से मत डर, और तबाह होना है तो जमके इश्क कर..!!!
मैं प्यार का इस्तीफा
तुम नफरत का धरना
तुम ना ही मिलते तो अच्छा था,
तुम से जो मोहबत थी ना,