#Hindi Quote

सहमी हुई थी झोपड़ी बारिश के खौफ से, मेहलो की आरजू थी के बारिश जरा जम के बरसे

Facebook
Twitter
More Quotes
जहां में डूबा था मुझे वही किनारा चाहिए, तू फिर आ मेरे पास मुझे तू दोबारा चाहिए
बारिश के बाद तार पर टंगी आख़री बूंद से पूछना, क्या होता है अकेला पन।
मुझपर बहुत जिम्मेदारियां थी मेरे घर की, माफ करना मैं तेरे इश्क में मर नहीं सकता
माना दूरियां कुछ बढ़ सी गई है, मगर तेरे हिस्से का वक्त हम आज भी तनहा गुजरते हैं
ताकत आवाज़ में नहीं अपने विचार में रखो.. क्योंकि फसल बारीश से होती है बाढ़ से नहीं…
यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं की, खैरियत पूछने वाला आपकी खैरियत भी चाहता हो
पतझड़ में ही रिश्तों की परख होती है, बारिश में तो हर पत्ता हरा ही दिखता है
बस इसलिए हम कुछ नहीं कहते तुमसे, तुम समांझोगे नही और हम रो देंगे
कुछ पल का साथ देकर तुमने, पल पल के लिए बेचैन कर दिया
सबर मेरा कोई क्या ही आजमाएगा, मैंने हंस के छोड़ा है उसे जो मुझे सबसे प्यारा था