#Hindi Quote

सहमी हुई थी झोपड़ी बारिश के खौफ से, मेहलो की आरजू थी के बारिश जरा जम के बरसे

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यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं की, खैरियत पूछने वाला आपकी खैरियत भी चाहता हो
खाली जेब लेकर निकलो कभी बाजार में, जनाब वहम दूर हो जाएगा इज्जत कमाने का
मैने अपनी परछाई से पूछा तुम मेरे साथ क्यों चलती हो, परछाई ने मुस्कुरा कर बोला अरे पागल मेरे सिवा तेरा है ही कौन
कितना अजीब है लोगों का अंदाज-ऐ-मोहब्बत, रोज एक नया जख्म देकर कहते हैं अपना ख्याल रखना
पतझड़ में ही रिश्तों की परख होती है, बारिश में तो हर पत्ता हरा ही दिखता है
बारिश के बाद तार पर टंगी आख़री बूंद से पूछना, क्या होता है अकेला पन।
कुछ पल का साथ देकर तुमने, पल पल के लिए बेचैन कर दिया
रखना था फासला पर तुमसे दिल लगा बैठे, फिर तुम भी ना हासिल हुए और खुद को भी गवा बैठे
वो सोचती होगी बड़े चैन से सो रहा हु मै, उसे क्या पता ओढ़ कर चादर रो रहा हु में
ताकत आवाज़ में नहीं अपने विचार में रखो.. क्योंकि फसल बारीश से होती है बाढ़ से नहीं…