#Hindi Quote
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बड़ी अजीब होती है ये यादें, कभी हसा देती है, कभी रुला देती है
कितना मुश्किल होता है उस शख्स को मनाना, जो रूठा भी ना हो और बात भी ना
रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, ए मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा
सहमी हुई थी झोपड़ी बारिश के खौफ से, मेहलो की आरजू थी के बारिश जरा जम के बरसे
कितना अजीब भ्रम है ये मानना कि सुन्दरता
अरे इतनी नफरत है उसे मुझसे की मैं मर भी जाऊं, तो उसे कोई फर्क नही पड़ेगा
मुझपर बहुत जिम्मेदारियां थी मेरे घर की, माफ करना मैं तेरे इश्क में मर नहीं सकता
खाली जेब लेकर निकलो कभी बाजार में, जनाब वहम दूर हो जाएगा इज्जत कमाने का
मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो परंतु उसकी परछाई सदैव काली होती है…!! “मैं श्रेष्ठ हूँ” यह आत्मविश्वास है लेकिन…. “सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ” यह अहंकार है
धीरज रखना वो कड़ी मेहनत है जो आप तब करते हैं जब आप अपने किए हुए कठिन परिश्रम से थक जाते हैं।