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इंसान अपनी कमाई के हिसाब से नहीं, अपनी ज़रूरत के हिसाब से गरीब होता
खुद पर काबु रखना एक परिपक्व इंसान की निशानी है; वक्त से पहले खुद पर काबु खो देना अपरिपक्वता की पहचान है।
मुस्कुराते हुए इंसान को कभी जब देखना, हो सकता है रूमाल गिला मिले
इस दिन हर कोई अपने पिता को स्पेशल फील करवाना चाहता
शब्द ही इंसान का आइना होते हैं, शक्ल तो उम्र और समय के साथ बदल जाती है
अगर एक हारा हुआ इंसान हारने के बाद भी मुस्कूरा दें.तो जितने वाला भी जीत की खुशी खो देता है।
अगर दुसरों को दुखी देखकर तुम्हे भी दुःख होता है तो, समझ लो की उपर वाले ने तुम्हे इंसान बनाकर कोई गलती नहीं की है
मुस्कुराते इंसान की कभी जेबें टटोलना, हो सकता है उसका रुमाल गिला मिले.
जो इंसान सही और गलत, पसंद और नापसंद के दायरे में ही फंसा हुआ है, वह प्रेम के तानेबाने को कभी नहीं जान पाएगा।
आप कितने भी अच्छे इंसान हो पर किसी ना किसी के लिए बुरे जरूर होंगे, क्योंकि लोग हमेशा अपने स्वार्थ के अनुसार आपके बारे में सोचते हैं