#Quote

मूल रूप में, प्रेम का अर्थ हैः पसंदों और नापसंदों से ऊपर उठ जाना।

Facebook
Twitter
More Quotes
आप प्रेम में खड़े नहीं हो सकते, आप प्रेम में चढ़ नहीं सकते, आप प्रेम में उड़ नहीं सकते - आप प्रेम में सिर्फ डूब सकते हैं ।
जहाँ सूर्य की किरण हो, वहीं प्रकाश होता है, और जहाँ प्रेम की भाषा हो, वहीं परिवार होता है।।
सुनो ! तुम मेरी वो आदत हो, जिसे मैं चाह कर भी नहीं छोड़ सकता !
जो इंसान सही और गलत, पसंद और नापसंद के दायरे में ही फंसा हुआ है, वह प्रेम के तानेबाने को कभी नहीं जान पाएगा।
वासना एक ज़बरदस्त ज़रूरत है; प्रेम कोई ज़रूरत नहीं है। जब आप प्रेम करते हैं, तब आप तृप्त हो जाते हैं, और किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं रहती। प्रेम में, आप बस यहाँ बैठकर अपना पूरा जीवन बिता सकते हैं।
भाइयों में प्रेम होने से टेंशन खत्म हो जाती हैं।
प्रेम एक समाहित करने की प्रक्रिया है। जब एक बार आपको मैं अपने एक अंश के रूप में शामिल कर लेता हूं, मैं आपके साथ वैसा ही होऊंगा, जैसा मैं खुद के साथ हूं। - सद्‌गुरु
अपने प्रेम, अपनी खुशी और अपने उल्लास को रोककर मत रखें। आप जो देते हैं, वही आपका गुण बन जाता है, न कि वह जो आप रोक कर उल्लास हैं।
ख़ुशी, शांति और प्रेम – ये कोई आध्यात्मिक लक्ष्य नहीं हैं। यह सब तो समझदारीपूर्वक जीने की शुरुआत है।
मैं बेचैन सा लगता हूं वो राहत जैसी लगती हैं मैं खो जाता हूं ख्वाबों में वो भीतर मेरे जगती हैं !