#Quote

किसी को उजाड़ कर बसे तो क्या बसे किसी को रुलाकर हँसे तो क्या हँसे

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आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता, लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है
चाकू की धार से अधिक मोटा कुछ भी खुशी को उदासी से अलग नहीं कर सकता। – Virginia Woolf
अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने, ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने
कुछ यादों को आप कभी नहीं छोड़ना चाहते, चाहें उसके लिए आपको कितनी ही पीड़ा क्यों न सहनी पड़े.
नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
ज़िन्दगी की हक़ीक़त को बस इतना ही जाना है , दर्द में अकेले हैं खुशियों में ज़माना है
मेरे ग़म का छोटा सा हिस्सा लेकर तो देखो , मरने की ख्वाहिश न करने लगे तो कहना
बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं वो अश्क़ जो आँखों से गिर नहीं पाते।
ज़िन्दगी में कुछ ज़ख्म ऐसे होते है जो कभी नहीं भरते बस इंसान उन्हें छुपाने का हुनर सीख जाता है
आप चाहें जिस भी वस्तु की इच्छा करो, वह आपको आपके अपेक्षित रूप में नहीं मिलेगी. – हारुकि मुराकामी