#Hindi Quote

हजारों ख़्वाब टूटते हैं, तब कहीं एक सुबह होती है.

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पैरों से कांटा निकल जाए तो चलने में मज़ा आता है, और मन से अहंकार निकल जाए तो जीवन जिने में मज़ा आता है।
जब जागो तब सवेरा।
जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।
सुख निर्मल सुबह की भाँति होता है, जो माँगने पर नहीं जागने पर मिलता है
इंसान का ‘ज़मीर’ और शतरंज का ‘वज़ीर’ एक जैसा होता है क्योकी अगर दोनो मर गए, तो खेल खत्म
हज़ारों उलझनें राहों में और कोशिशें बेहिसाब, इसी का नाम है ज़िंदगी चलते रहिए जनाब- गुलज़ार
खामोश चहरे पर हजारों पहरे होते है, हस्ती आंखो में भी ज़ख्म गहरे होते है
लोग आपको नहीं आपके अच्छे वक़्त को अहमियत देते हैं
मैं हर रात की ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता, हुन मगर रोज सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती हैं।
जिन्हें नींद नहीं आती उन्हें को मालूम है सुबह आने में कितने ज़माने लगते हैं