#Hindi Quote
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ताश का जोकर और अपनों की ठोकर अक्सर बाजी घुमा देते हैं।
क्रोध हमेशा मूर्खता से शुरू होकर पश्चाताप पर समाप्त होता है।
जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।
कभी भी शादियों के भोजन की बुराई मत करना, कोई पिता वर्षो कमाता है एक दिन की दावत के लिए।
हलके-हलके बढ़ रही है चेहरे की लकिरें; लगता है, नादानी और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है
पैरों से कांटा निकल जाए तो चलने में मज़ा आता है, और मन से अहंकार निकल जाए तो जीवन जिने में मज़ा आता है।
न जाने कितने ही रिश्ते खत्म कर दिये इस भ्रम ने कि मैं सही हूं, सिर्फ मैं ही सही हूं
झूठ इसलिए बिक जाता है, क्योंकि सच खरीदने की हैसियत सबकी नही होती।
लोग आपको नहीं आपके अच्छे वक़्त को अहमियत देते हैं
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िंदगी में, बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल न हो सका