#Hindi Quote
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तुम संघर्ष के समय बनी ऐसी प्रतिमा हो बहना, जिसे न्याय की मूर्ति कहना गलत ना होगा।
ईमानदारी की इच्छाओं पर अडिग रहना तुम्हीं से सीखा है बहन तुम्हारे कदमों के निशान पर, मैंने मेरे वजूद को सींचा है -- मयंक विश्नोई
मेरे भीतर पनपे विश्वास की जड़ तुम हो बहना, मेरी जीत का एकलौता श्रेय तुम हो बहना
जिन पर होती है घरेलू हिंसा, मिलती हो जिनको प्रताड़ना सदा बहन उन्हीं की आवाज बनो तुम, वीरता से करो बुराई का सामना सदा -- मयंक विश्नोई
बहना मेरी हर सुबह की भोर हो तुम, हर सवालों का जवाब और मेरे मन में उठा शोर हो तुम
न जाने किस दरबार का चिराग़ हूँ मैं , जिसका दिल करता है जलाकर छोड़ देता है
बोलो बहन कैसे कह दूँ कि मैं तुम्हारे बिना सभ्य हुआ, वास्तविकता तो यही है कि तुमसे ही सभ्यताओं का सृजन हुआ है।
निगाहों में मजे थी, गिरे और गिर कर संभलते रहे,हवाओं ने खूब कोशिश की, मगर चिराग आंधियों में जलते रहे।
नारी के बलिदान को वही सम्मान मिलता है, जहाँ बहनों ने खुद से पहले भाई की खुशियों को रखा हो।
तेरे होने से ही मेरे घर परिवार में खुशियां हैं क्योंकि बहना तू मुझे मिला खुशियों का वरदान है।