#Hindi Quote
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नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं वो अश्क़ जो आँखों से गिर नहीं पाते।
अगर तुम मेरे घर के चिराग नहीं हो तो मेरा मन सूना है। अगर तुम मेरी बहन होती तो मैं फिर कभी इस तरह नहीं मुस्कुराता
जो लोग दर्द को समझते हैं वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते
मेरे ग़म का छोटा सा हिस्सा लेकर तो देखो , मरने की ख्वाहिश न करने लगे तो कहना
ज़िन्दगी की हक़ीक़त को बस इतना ही जाना है , दर्द में अकेले हैं खुशियों में ज़माना है
कुछ यादों को आप कभी नहीं छोड़ना चाहते, चाहें उसके लिए आपको कितनी ही पीड़ा क्यों न सहनी पड़े.
वो किताबों में लिखा नहीं था , जो सबक़ ज़िन्दगी ने सिखाया मुझे !
जो मैं जलते चिराग में पड़ा तेल हूँ, तो सच यह है कि बहना तुम उस चिराग में जलती बाती हो।
अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने, ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने