#Hindi Quote
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खुला जब-जब पन्ना कहानी का मेरी, मैंने पाया बहना सदा इसमें नाम छुपा तुम्हारा
तुम संघर्ष के समय बनी ऐसी प्रतिमा हो बहना, जिसे न्याय की मूर्ति कहना गलत ना होगा।
उसकी छाया में चलकर, उसका ही साया बनना है खुशियों की खातिर उसकी पीड़ाओं से भी लड़ना है कैसे न हो गर्व मुझे, उसका भाई होने पर जो मुझ जुगनू को रोशन करती, वो बस मेरी बहना है
जिंदगी में कुछ फैसले बहुत सख्त होते है, और यही फैसले जिंदगी का रुख बदल देते है।
मेरे भीतर पनपे विश्वास की जड़ तुम हो बहना, मेरी जीत का एकलौता श्रेय तुम हो बहना
तुम पवित्रता की प्रतिमा हो, बहना तुम परिवर्तन की प्रतिभा हो।
तुम से ही मेरे भीतर साकारात्मक ऊर्जाओं का संचार हुआ, तुम ही मेरे विचारों की जननी हो बहना।
मेरे उज्जवल भविष्य के लिए जो त्याग तुमने किया, वैसा त्याग शायद कोई दूसरा नहीं कर पायेगा।
बहना मेरी हर सुबह की भोर हो तुम, हर सवालों का जवाब और मेरे मन में उठा शोर हो तुम
जो मैं जलते चिराग में पड़ा तेल हूँ, तो सच यह है कि बहना तुम उस चिराग में जलती बाती हो।