#Hindi Quote
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कहो कि कैसे गुजर रही है रात भारी या दिन है गम में, या हमारी तरह जिंदगी रेत सी यूं फिसल रही है।
एतबार किया खता नहीं एतबार से बडी खता नहीं
इंसान का असली चेहरा तब सामने आता हैं जब वो नशे में होता हैं... फिर चाहे नशा पैसे का हो, पद का हो, शक़्ल का हो या शराब का...
ऐसी दुनिया का आगाज़ करो जो कल करो सो आज़ करो - चंदन की कलम
मैंने 'भगवान ' तो नहीं देखा फिर भी ' माँ ' के रूप मे उसका रूप देखा। मैनै ' जन्नत ' तो नहीं देखी फिर भी ' माँ ' के प्यार मे उसका ' दृश्य ' देखा
"अपेक्षा" और "उपेक्षा" दोनों का होना ही गलत है "अपेक्षा" खुद को घायल करती है "उपेक्षा" दूसरों को।
कौन ज्यादा मजबूर है वो जो सड़कों पर सुकून की नींद सोता है या वो जो लाखों के घर में भी नींद के लिये तरसता है।
लम्हे तो है बीते सारे लेकिन लगते है आज भी जैसे हो वो कल
अस्तित्व की इस लड़ाई में एक संघर्ष दायित्व का भी है।
लम्हे तो है बीते सारे लेकिन लगते है आज भी जैसे हो वो कल