#Hindi Quote

कौन ज्यादा मजबूर है वो जो सड़कों पर सुकून की नींद सोता है या वो जो लाखों के घर में भी नींद के लिये तरसता है।

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"अपेक्षा" और "उपेक्षा" दोनों का होना ही गलत है "अपेक्षा" खुद को घायल करती है "उपेक्षा" दूसरों को।
सुकून ढूंढना है तो खुद में ढूंढो, लोगों में ढूंढोगे तो बेचैन रहोगे
लम्हे तो है बीते सारे लेकिन लगते है आज भी जैसे हो वो कल
पैसा" आज के जमाने में इज्ज़त भी पैसे देखकर किए जाते हैं, बिना पैसे के तो लोग ज़रूरत भी नहीं समझते। -तेजस्विनी कुमारी
अगर आप के पास ऐसा कोई है जो आप को दुःख मे नहीं देख सकता। तो आप ये सुनिश्चित अवश्य करे की उन्हें आप के वजह से दुःख कभी ना हो।
अस्तित्व की इस लड़ाई में एक संघर्ष दायित्व का भी है।
जब इंसान जिंदगी कि अपनी सभी इच्छाओं से, मुक्त हो जाता है या कहो वो अपने सारे इन्द्रियों को, अपने काबु में रखता है, तब ही उसे शांति मिल सकती है!
लम्हे तो है बीते सारे लेकिन लगते है आज भी जैसे हो वो कल
कहो कि कैसे गुजर रही है रात भारी या दिन है गम में, या हमारी तरह जिंदगी रेत सी यूं फिसल रही है।
एक ऐसा लक्ष्य निर्धारित करें जो आपको सुबह बिस्तर से उठने पर मजबूर कर दें.