#Hindi Quote

गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख ! जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !!

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हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का ! बड़ी मासूमियत से कहते हैं मजबूर थे हम !!
हँसकर दर्द छुपाने का हुनर मशहूर था मेरा ! पर कोई हुनर काम न आया जब तेरा नाम आया !!
गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा सा सब्र तो रख, जब खुशियों ही नहीं रुकी तो गम की क्या औकात है
गिरना अच्छा है, औकात का पता चलता है, हाथ थामे रखने वाले कितने है, इस बात का पता चलता है!
तुझे खोकर भी है एक तसल्ली मुझे अब मेरे साथ और क्या बुरा होगा
बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं ! वो अश्क़ जो आँखों से गिर नहीं पाते !!
न जाने किस कॉलेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने ! जितने भी मुझसे वादे किये थे सब फ़र्ज़ी निकले !!
जिंदगी में खुशियाँ तलाश करो, दुखो का कोई अंत नहीं होता
सारे जहां की खुशियां मिले मेरी बहन को, इस रक्षाबंधन पर यही दुआ है मेरी !
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख ! जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !!