#Hindi Quote
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अब मत खोलना मेरी ज़िंदगी की पुरानी किताबों को.. जो था वो मैं रहा नहीं, जो हूं वो किसी को पता नहीं!
जिन्हें नींद नहीं आती उन्हें को मालूम है सुबह आने में कितने ज़माने लगते हैं
अगर आप किसी से कुछ भी उम्मीद नहीं करते हैं तो आप कभी निराश नहीं होते
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख ! जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !!
कौन कहता है आईना झूठ नहीं बोलता. वह सिर्फ होठों की मुस्कान देखता दिल का दर्द नहीं…
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का ! बड़ी मासूमियत से कहते हैं मजबूर थे हम !!
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख ! जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !!
मुझे दोस्ती करनी हैं इस वक़्त के साथ
मैं झुक के उसके सामने खड़ा क्या हुआ, उसने मुझे पायदान बना दिया!
वक्त भी कितना बेरहम है अच्छा हो तो गुजर जाता है बुरा हो तो ठहर जाता है !