#Hindi Quote

जमाने में वही लोग हम पर उंगली उठाते हैं जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती

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अगर आपने सफर शुरू कर ही दिया है तो बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि वापस आने में जितनी दूरी तय होगी क्या पता मंजिल उससे भी पास हो.
गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा सा सब्र तो रख, जब खुशियों ही नहीं रुकी तो गम की क्या औकात है
कपड़ों की “मैचिंग” बिठाने से, सिर्फ शरीर “सुंदर” दिखेगा। रिश्तों व हालातों से, “मैचिंग” बिठा लीजिये पूरा जीवन सुंदर हो जाएगा।
जीवन में गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है, बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को, तो अपनों का पता चलता है.
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख ! जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !!
ज़िंदगी” की “तपिश” को “सहन” किजिए “जनाब”, अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं, जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं।
कल को आसान बनाने के लिए आज आपको कड़ी मेहनत करनी ही पड़ेगी.
समय सीमा पर काम खत्म कर लेना काफी नहीं है मैं समय सीमा से पहले काम खत्म होने की अपेक्षा करता हूं । धीरूभाई अंबानी
मुनाफा का तो पता नहीं लेकिन बेचने वाले तो यादों को भी कारोबार बना कर बेच देते है.
जिस काम में काम करने की हद पार ना फिर वो काम किसी कामका नहीं.