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लोगों के साम्राज्य में अपने साहस की राजधानी बसा लो।
मुझे रख दिया छांव में, खुद जलते रहे धूप में, मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता, अपने पिता के रूप में।
पतझड़ में ही रिश्तों की परख होती है, बारिश में तो हर पत्ता हरा ही दिखता है
हमेशा अपने विचारों शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें।
अपने लक्ष्य के लिए जोशीले और जुनूनी बनिए
दुःख तुमने मुझे नहीं दिया है मैंने अपने आप को
लोग तो आते जाते रहेगे आप अपने काम में एक बार सफलता तो पप्राप्त करिए ।
मन में बातो के चलते रहने से ज़िंदगी रुक ही जाती
छिड़कके थोड़ा सा विशवास आप अपनी बेहोश हुई ज़िंदगी को
ख्वाहिशो को आप कितना ही पूरा कर लो , ज़िंदगी पूरी हो जाएगी मगर ये पूरी