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चुपके से एक दिन रख आऊं, सभी खुशियां उनके सिरहाने में, जिन्होंने एक अरसा बिता दिया, मुझे बेहतर इंसान बनाने में।

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जब इंसान अन्दर से टूटता है तो बहार से खामोश हो जाता
इंसान एक ऐसा ग़ाफिल मंसूबा साज़ है कि वह अपनी सारी जिंदगी की प्लानिंग में कभी अपनी मौत को शामिल ही नहीं करता।
पिता के बिना जिंदगी वीरान है, सफर तन्हा और राह सुनसान है, वही मेरी जमीं वही आसमान हैं, वही खुदा, वही मेरा भगवान हैं। हैप्पी फादर्स डे
मुस्कुराते हुए इंसान की कभी जेबे देखना ! हो सकता है रूमाल गिला मिले.
अहंकार में डूबे इंसान को, ना तो खुद की गलतियां दिखाई देती है और ना दूसरों की “अच्छी” बात।
जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।
इंसान का असली चेहरा तब सामने आता हैं जब वो नशे में होता हैं... फिर चाहे नशा पैसे का हो, पद का हो, शक़्ल का हो या शराब का...
मैदान से हारा हुआ इंसान तो फिर से जीत सकता है, लेकिन मन से हारा हुआ इंसान कभी नहीं जीत सकता इसलिए मन से कभी हार मत मानना।
अंदाजे से न नापिये किसी इंसान की हस्ती, ठहरे हुए दरिया अक्सर गहरे हुआ करते हैं।
पिता और बेटी पर हिंदी में शायरी