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मुस्कुराते हुए इंसान की कभी जेबे देखना, हो सकता है रूमाल गिला मिले!

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सच को तो तमीज़ ही नहीं बात करने की, झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है!
जो बनाए हमें इंसान और दे सही-गलत की पहचान देश के उन निर्माताओं को हम करते हैं शत-शत प्रणाम! हैप्पी टीचर्स डे!
तेरी एक मुस्कान से सुधर गयी तबियत मेरी, बताओ यार इश्क करते हो या इलाज करते हो!
छोटी सी बात पर खुश होना मुझे आता था, पर बड़ी बात पर चुप रहना जिंदगी ने सीखा दिया!
भाई ने मांगी दुआ रब से कि उसे इक बहन मिले, जो हो प्यारी सबसे, रब ने मेरी दुआ कबूल की और दी प्यारी सी बहन, जो है अनमोल सबसे
मुस्कुराते हुए इंसान की कभी जेबे देखना ! हो सकता है रूमाल गिला मिले.
कभी तो चौक के देखे कोई इंसान तरफ, किसी की आंख में हमको भी इंतजार दिखे।
इंसान एक ऐसा ग़ाफिल मंसूबा साज़ है कि वह अपनी सारी जिंदगी की प्लानिंग में कभी अपनी मौत को शामिल ही नहीं
अहंकार में डूबे इंसान को, ना तो खुद की गलतियां दिखाई देती है और ना दूसरों की “अच्छी” बात।
खुद पर काबु रखना एक परिपक्व इंसान की निशानी है; वक्त से पहले खुद पर काबु खो देना अपरिपक्वता की पहचान है।