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गलतफहमी बहुत थी के अपने बहुत है, आज मुड़कर पीछे देखा तो एक साया ही हमसफ़र निकला

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मिट्टी का मटका और परिवार की कीमत, सिर्फ बनाने वालो को पता होती है, तोड़ने वालो को नहीं
सोचो कितनी खूबसूरत होगी जिंदगी। जब दोस्त, मोहब्बत और हमसफ़र तीनो एक ही इंसान हो ।
भाग्य तो आजकल सब बनाते है पर, अपना परिवार कोई कोई बना पाता है
सफ़र जिंदगी का छोटा था उसके साथ, आर वो शख्स एक याद सा हो गया पूरी जिंदगी के लिए
कुछ सपने तुमने तोड़ दिए, बाकी हमने देखना छोड़ दिए
आज इंसान ही परेशान है क्योंकि, रिश्ते में जो गर्मी होनी चाहिए वो हमारे दिमाग में है
सोचो कितनी खूबसूरत होगी जिंदगी। जब दोस्त, मोहब्बत और हमसफ़र तीनो एक ही इंसान हो।
मैंने देखा है टूटा हुआ आदमी, अकेला ही रहना पसंद करता है
जिंदगी भर जिनको प्यार दिया, धोखा दिया उसीने जिस पर भरोसा किया
रोटी तो हर कोई कमाता है लेकिन कुछ ही लोग रोटी परिवार के साथ बैठ कर खाते है