#Quote

कौन समझता है किसी को कोई यहां झूठे दिलासे, कोरा सा अपनापन मिलता है मुफ्त में यहां।

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इंसान का असली चेहरा तब सामने आता हैं जब वो नशे में होता हैं... फिर चाहे नशा पैसे का हो, पद का हो, शक़्ल का हो या शराब का...
भाई से ज्यादा ना कोई उलझता हैं, ना भाई से ज्यादा कोई समझता हैं.
ज़िन्दगी के बहुत से इम्तिहान बाकी हैं अभी तो बस चलना सीखा है नापने को पूरी कायनात बाकी है। गिरूंगा सीखूंगा उठूंगा अभी सीखने को पूरा संसार बाकी है।
"अपेक्षा" और "उपेक्षा" दोनों का होना ही गलत है "अपेक्षा" खुद को घायल करती है "उपेक्षा" दूसरों को।
व्यक्ति कर्मों में जीता है वर्षों में नहीं
अस्तित्व की इस लड़ाई में एक संघर्ष दायित्व का भी है।
ऐसी दुनिया का आगाज़ करो जो कल करो सो आज़ करो - चंदन की कलम
आंसू किसी और के दुख को समझता नहीं है, और न ही किसी की खुशी को। - Franz Schubert
मन का उधड़ा वसन है सिलेगा नहीं फूल उपवन मे कोई खिलेगा नहीं यूँ तो मुझसे भी बेहतर मिलेंगे मगर मेरा पर्याय तुमको मिलेगा नहीं..! - अनन्या राय पराशर
एतबार किया खता नहीं एतबार से बडी खता नहीं