#Quote

उदास करती है मुझे हर रोज़ ये शाम, ऐसा लगता है जैसे कोई भुला रहा है धीरे-धीरे…!!

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नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
चाकू की धार से अधिक मोटा कुछ भी खुशी को उदासी से अलग नहीं कर सकता। – Virginia Woolf
लगता है आज जिंदगी कुछ ख़फ़ा है, चलिए छोड़िये कौन-सी पहली दफ़ा है।
बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं वो अश्क़ जो आँखों से गिर नहीं पाते।
न जाने किस दरबार का चिराग़ हूँ मैं , जिसका दिल करता है जलाकर छोड़ देता है
वो किताबों में लिखा नहीं था , जो सबक़ ज़िन्दगी ने सिखाया मुझे !
आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता, लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है
दुःख तुमने मुझे नहीं दिया है, मैंने अपने आप को दुःख दिया है.
जो लोग दर्द को समझते हैं वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते
छोटी सी बात पर खुश होना मुझे आता था, पर बड़ी बात पर चुप रहना जिंदगी ने सीखा दिया!