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जब इंसान अन्दर से टूटता है तो बहार से खामोश हो जाता
इंसान का सारा ध्यान आज बस इस बात पर है कि ज़िंदगी जीने के तरीकों में कैसे सुधार किया जाए।
कुछ मिनट में जिंदगी नहीं बदलती, पर कुछ मिनट में सोच कर लिया हुआ फैसला पूरी जिंदगी बदल देता है इसलिए फैसलों को अहमियत
इंसान एक ऐसा ग़ाफिल मंसूबा साज़ है कि वह अपनी सारी जिंदगी की प्लानिंग में कभी अपनी मौत को शामिल ही नहीं करता।
जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।
ज़िन्दगी में कुछ ज़ख्म ऐसे होते है जो कभी नहीं भरते बस इंसान उन्हें छुपाने का हुनर सीख जाता है
इस जीवन में मैं पूरी तरह से इंसान हूं: महसूस करना, देना, लेना, हंसना, खोना, मिलना, नाचना, प्यार करना, इंसान बनना। ये सारी चीज़े इंसान के जीवन का एक अहम हिस्सा है।
जीवन में हमेशा इंतज़ार ही नही करना चाहिए, क्योंकि सही वक्त कभी नही आता उसे लाना
इंसान नीचे बैठा दौलत गिनता है कल इतनी थी आज इतनी बढ़ गयी। ऊपर वाला हंसता है और इंसान की सांसे गिनता है, कल इतनी थी आज इतनी कम हो गयी।
मुस्कुराते हुए इंसान को कभी जब देखना, हो सकता है रूमाल गिला मिले