#Quote

ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार

Facebook
Twitter
More Quotes
जो किसी के Fan है उनका कभी कोई Fan नहीं बनता।
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं
प्रेम कोई काम नहीं बल्कि एक गुण है ।
कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नहीं आता, हमारा व्यवहार और शब्द ही लोगों को मित्र और शत्रु बनाता है।
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली दिल ने दुनिया से दोस्ती कर
यदि काम नही कर रहा, तो कोई बात नही 25 और Letters बचे हैं उन पर Try करों.
कोई काम शुरू करने से पहले स्वयं से तीन प्रश्न कीजिए मैं यह क्यों कर रहा हूं इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होगा और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जाए तभी आगे बढ़े
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार होता
विफलता के बारे में चिंता मत करो, आपको बस एक बार ही सही होना हैं.
कोई काम शुरू करने से पहले स्वयं से तीन प्रश्न कीजिए मैं यह क्यों कर रहा हूं इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होगा और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जाए तभी आगे बढ़े – चाणक्य