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हवाओं ने खूब कोशिश की, मगर चिराग आंधियों में जलते रहे।

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मैं उस दरख्त की तरह हूं जिसके पत्ते रोज गिरकर जमीन पर बिखर जाते हैं, लेकिन वह हवाओं से अपना रिश्ता कभी नहीं बदलता।
समान है जो रक्षण एवं हितकारी होती है l
हवाओं ने मुझे हताश करने की बहुत कोशिश की, मैं वह परिंदा बना जिसने ऊंची उड़ान भरना सही समझा।
घायल तो यहां हर परिंदा है, मगर जो फिर से उड़ सका वहीं जिंदा
सफलता एक घटिया शिक्षक है इन लोगों में यह सोच विकसित कर देता है कि वह सफल नहीं हो सकते।
जिस-जिस पर यह जग हंसा है ,उसी ने इतिहास रचा है।
एक सामान्य जीने के लिए इंसान कोरोटी कपड़ा मकान के अलावा अगर इंसान कोकिसी चीज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो वो है सिर्फ शिक्षा l
हवाओं के भरोसे मत उड़,चट्टाने तूफानों का भी रुख मोड़ देती हैं,अपने पंखों पर भरोसा रख,हवाओं के भरोसे तो पतंगे उड़ा करती हैं ये शायरी कहती है कि खुद पर भरोसा रखना सबसे ज्यादा जरूरी है।
मैं अकेली हूं लेकिन फिर भी मैं हूं मैं सब कुछ नहीं कर सकती लेकिन मैं कुछ तो कर सकती हूं और सिर्फ इसलिए कि मैं सब कुछ नहीं कर सकती मैं वह करने से पीछे नहीं हटूंगी जो मैं कर सकती हूं। अकेली
विधा एक कामधेनु के समान है जो हर मौसम में अमृत प्रदान करती है वह विदेश में एक माता के