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जिस-जिस पर यह जग हंसा है ,उसी ने इतिहास रचा है।

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कश्तियां बदलने की जरुरत नहीं दिशाओं को बदलो तो किनारे खुद ब खुद बदल जाते हैं!
कोई काम शुरू करने से पहले स्वयं से तीन प्रश्न कीजिए मैं यह क्यों कर रहा हूं इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होगा और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जाए तभी आगे बढ़े
समय सीमा पर काम खत्म कर लेना काफी नहीं है, मैं समय सीमा से पहले काम खत्म होने की अपेक्षा करता हूं।
एक सामान्य जीने के लिए इंसान कोरोटी कपड़ा मकान के अलावा अगर इंसान कोकिसी चीज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो वो है सिर्फ शिक्षा l
जिस जिस पर यह जग हंसा है, उसी ने इतिहास रचा है!
हवाओं ने खूब कोशिश की, मगर चिराग आंधियों में जलते रहे।
जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की
जिस काम में काम करने की हद पार ना फिर वो काम किसी काम का
भले ही आप कपड़े पहनने में लापरवाही है पर अपनी आत्मा को दुरुस्त रखिए।
जिस दिन आपकेमें बदल जाएंगे, उस दिन आप बड़े आदमी बन जाओगें.