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कौन ज्यादा मजबूर है वो जो सड़कों पर सुकून की नींद सोता है या वो जो लाखों के घर में भी नींद के लिये तरसता है।

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सुकून ढूंढना है तो खुद में ढूंढो, लोगों में ढूंढोगे तो बेचैन रहोगे
एतबार किया खता नहीं एतबार से बडी खता नहीं
इंसान का असली चेहरा तब सामने आता हैं जब वो नशे में होता हैं... फिर चाहे नशा पैसे का हो, पद का हो, शक़्ल का हो या शराब का...
तुम्हारी बांहों में मुझे सुकून सा मिलता है। तुम्हारे बिना मैं कुछ भी तो नहीं हूं। तुम मेरी जिंदगी की सबसे कीमती मोती हो जिसे मैं बेइंतहा प्यार करता हूं।
स्कुल की परिक्षाये भलेही रद्द की गयी हो। जिंदगी की बडी कठीण परीक्षा की घडी है..ये देनी ही होगी।
लम्हे तो है बीते सारे लेकिन लगते है आज भी जैसे हो वो कल
मैंने 'भगवान ' तो नहीं देखा फिर भी ' माँ ' के रूप मे उसका रूप देखा। मैनै ' जन्नत ' तो नहीं देखी फिर भी ' माँ ' के प्यार मे उसका ' दृश्य ' देखा
लम्हे तो है बीते सारे लेकिन लगते है आज भी जैसे हो वो कल
पैसा" आज के जमाने में इज्ज़त भी पैसे देखकर किए जाते हैं, बिना पैसे के तो लोग ज़रूरत भी नहीं समझते। -तेजस्विनी कुमारी
दर्द में हूँ देदे अपनी बाँहों की सुकून वाली रात तू है मेरी मोहब्बत मेरी सुकून आस.