#Hindi Quote

तुम संघर्ष के समय बनी ऐसी प्रतिमा हो बहना, जिसे न्याय की मूर्ति कहना गलत ना होगा।

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बहना मेरी हर सुबह की भोर हो तुम, हर सवालों का जवाब और मेरे मन में उठा शोर हो तुम
मेरे भीतर पनपे विश्वास की जड़ तुम हो बहना, मेरी जीत का एकलौता श्रेय तुम हो बहना
खुला जब-जब पन्ना कहानी का मेरी, मैंने पाया बहना सदा इसमें नाम छुपा तुम्हारा
ऋतुओं की चादर ओढ़कर तुमने ही मुझे जीना सिखाया बहन तुम्हारी ममता ने सादगी का अमृत पीना सिखाया -- मयंक विश्नोई
मेरी हंसी-मेरी खुशी की इकलौती वजह तुम ही हो नारित्व की पहचान हो तुम, मेरे सम्मान की वजह तुम ही हो -- मयंक विश्नोई
मेरे उज्जवल भविष्य के लिए जो त्याग तुमने किया, वैसा त्याग शायद कोई दूसरा नहीं कर पायेगा।
हर रक्षा बंधन मैं अपने मन के भीतर तुम्हारी सुख, समृद्धि का संकल्प लेता हूँ।
जीवन के संघर्षों में अपनी शक्ति का अनुमान करो, क्योंकि इसमें आपकी असीमित सामर्थ्य छिपी होती है।” – स्वामी विवेकानंद
एक गार्ड अतीत को अतीत के रूप में समझाता है। वर्ष पहले के घाव अभी भी नए बिराह के उत्साह की तरह हैं।
जिस भाई की कलाई पर बहन रक्षा सूत्र बंध जाता है कर्मों से होकर फिर महान, वह भाई वीर बन जाता है -- मयंक विश्नोई