#Hindi Quote

न जाने किस दरबार का चिराग़ हूँ मैं , जिसका दिल करता है जलाकर छोड़ देता है

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नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
जो मैं जलते चिराग में पड़ा तेल हूँ, तो सच यह है कि बहना तुम उस चिराग में जलती बाती हो।
ज़िन्दगी की हक़ीक़त को बस इतना ही जाना है , दर्द में अकेले हैं खुशियों में ज़माना है
कुछ यादों को आप कभी नहीं छोड़ना चाहते, चाहें उसके लिए आपको कितनी ही पीड़ा क्यों न सहनी पड़े.
जिसका खारा वो ही सोच रहा है, और जिसका मीठा वो ही बोल रहा है।
जो मैं जलते चिराग में पड़ा तेल हूँ, तो सच यह है कि बहना तुम उस चिराग में जलती बाती हो ।
दर्द मुझको ढूंढ़ लेता है रोज़ नए बहाने से वो हो गया वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से
घाव ठिक हो जाने से, हादसे नही भूले जाते..
आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता, लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है
बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं वो अश्क़ जो आँखों से गिर नहीं पाते।