#Hindi Quote

न जाने किस दरबार का चिराग़ हूँ मैं , जिसका दिल करता है जलाकर छोड़ देता है

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ज़िन्दगी की हक़ीक़त को बस इतना ही जाना है , दर्द में अकेले हैं खुशियों में ज़माना है
जिसका दिल ग़म की तन्हाइयों में उजड़ गया हो, वो बाहर से कितना ही सेहतमंद लगता हो
अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने, ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने
जो मैं जलते चिराग में पड़ा तेल हूँ, तो सच यह है कि बहना तुम उस चिराग में जलती बाती हो ।
कुछ यादों को आप कभी नहीं छोड़ना चाहते, चाहें उसके लिए आपको कितनी ही पीड़ा क्यों न सहनी पड़े.
नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
घाव ठिक हो जाने से, हादसे नही भूले जाते..
दिल को छू जाने वाले अनमोल विचार
मौन, मैंने समझा है , एक ऐसी चीज़ है जो आप वास्तव में सुन सकते हो।
बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं वो अश्क़ जो आँखों से गिर नहीं पाते।