#Hindi Quote
More Quotes
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
जिस व्यक्ति के अंदर स्वयं को खोने का डर नहीं है, जो इससे मुक्त हो चुका है, वही प्रेम को जान सकता है, वही प्रेम बन सकता है ।
प्रेम तो खुद का पूर्ण समर्पण है इसमें ईगो और अनादर का कोई स्थान नहीं होता.
प्रेम कोई काम नहीं बल्कि एक गुण है ।
दुनिया को नफरत का सुबूत नहीं देना पड़ता,
प्रेम का रंग नयापन लाता है, अगर ज़िंदगी में थोड़ा प्यार करोगे तो तुम्हारा जीना भी रंगीन हो जाएगा।
धोखा देकर ऐसे चले गए,
प्रेम कोई सहूलियत का साधन नहीं है। यह खुद को मिटाने की एक प्रक्रिया है।
जैसे प्यार को मानते ही नहीं थे।
तुम बस काबिल हो बस मेरी नफरत के।