#Hindi Quote
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जो भी शर्तों पर आधारित है, वह प्रेम नहीं है।
ख़ुशी, शांति और प्रेम – ये कोई आध्यात्मिक लक्ष्य नहीं हैं। यह सब तो समझदारीपूर्वक जीने की शुरुआत है।
प्रेम की गहराई को जानने के लिए आपके कम-से-कम कुछ अंश को मिटना होगा। वरना किसी दूसरे के लिए जगह नहीं होगी ।
दो पल ठहर के मेरे पास वह आया पूछा मिली थी जो खुशी उसे क्यों ठुकराया
ज़िंदगी जो देदे ख़ुशी से ले लेना चाहिए , मगर बदले में जो आपसे बन सके उसे देते रहना चाहिए।
अगर एक हारा हुआ इंसान हारने के बाद भी मुस्कूरा दें तो जितने वाला भी जीत की खुशी खो देता है।
अपनी ख़ुशी की जिम्मेदारी आप खुद सम्भालो, इसको किसी दूसरे के हाथो में मत जाने दो।
आप प्रेम में खड़े नहीं हो सकते, आप प्रेम में चढ़ नहीं सकते, आप प्रेम में उड़ नहीं सकते - आप प्रेम में सिर्फ डूब सकते हैं ।
ख़ुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नहीं मिलेगी, लेकिन ख़ुश होकर काम करोगे तो ख़ुशी जरूर मिलेगी।
मूल रूप में, प्रेम का अर्थ हैः पसंदों और नापसंदों से ऊपर उठ जाना।