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माफ़ बार बार करों, मगर भरोसा सिर्फ एक बार.
चलते वक्त के साथ तु भी चल उसमें सिमटने की कोशिश न कर
समझ नहीं आता किस पर भरोसा करू,
वक्त से पहले मिली चीजें अपना मूल्य खो देती है और वक्त के बाद मिली चीजे अपना महत्व।
वक्त भी कितना बेरहम है अच्छा हो तो गुजर जाता है बुरा हो तो ठहर जाता है !
घर से दूर रहने पर मां समझ आती है, और नौकरी करने पर पिता. हैप्पी फादर्स डे
जिंदगी में उस चीज की अहमियत किसी को समझ नहीं आती जो उसके_पास पहले से ही हो।
लोग आपको नहीं आपके अच्छे वक़्त को अहमियत देते हैं
खुद की तरक्की में इतना वक़्त लगा दो, कि किसी दूसरे की बुराई करने का वक़्त न मिले।
बुरा वक्त भी गुज़र ही जाता है, बस 'रब' को हमारा 'सबर' आजमाना होता है !