#Quote

दूसरो के लिए कभी अपने उसूलों के साथ समझौता न कीजिए अपने आत्मसम्मान की रक्षा खुद कीजिए !

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अपने रिश्तो को उस ताले की तरह बनाओ जिसे हथोड़े की चोट तो मंजूर हो, मगर किसी दूसरी चाबी से खुलना मंजूर नहीं.
हमेशा अपने विचारों शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें।
कोई सिखादे मुझे भी अपने वादों से मुक़र जाना ! बहुत थक चुका हूँ निभाते-निभाते.
दुःख तुमने मुझे नहीं दिया है मैंने अपने आप को
अपने सपनों का पीछा करो, न कि अपने समय का। सपने खुद आपके पास आएंगे और समय भी आपके पास होगा।
इस दिन हर कोई अपने पिता को स्पेशल फील करवाना चाहता
किसी भी चीज़ के लिए अपनी अहमियत को कम मत समझो, क्योंकि आत्मसम्मान से बड़ा और कुछ है !
आप इस लेख से भाई बहन के लिए शायरियां चुनकर उन्हें भेजें और रिश्ते में और नजदीकियां लेकर आएं।
ज़िन्दगी में एक हसी वो होती है जो इंसान अपने ग़म को छुपाने के लिए खुद सीखता है
पापा के लिए दो लाइन