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जब ‘दर्द’ और ‘कड़वी’ बोली दोनों मीठी लगने लगे तब समझ लीजिये कि जीना आ गया

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दर्द की दवा न हो, तो दर्द को ही दवा समझ लेना चाहिए…
जवाब सुनकर वह भी रोने लगा कहीं ना कहीं मेरे दर्द में खोने लगा
दर्द कम नहीं हुआ है मेरा ! बस सहने की आदत हो गयी है !!
वह व्यक्ति कुछ नहीं पा सकता जिसने उम्मीद खो दी है….
जीवन का सबसे बड़ा गुरू वक्त होता है क्योंकी जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सिखा पाता
यूँ जमीन पर बैठकर क्यूँ आसमान देखता है पँखों को खोल जमाना सिर्फ उड़ान देखता है
जीवन में शांति चाहते हैं तो दुसरों की शिकायतें करने से बेहतर है ख़ुद को बदल लें,क्योंकि पुरी दुनिया में कारपेट बिछाने से ख़ुद के पैरों में चप्पल पहन लेना अधिक सरल है।
जब मेहनत करने के बाद भी सपने पुरे नहीं होते तो रास्ते बदलीए सिद्धांत नहीं क्योंकी, पेड़ भी हमेशा पत्ते बदलता है जड़ नहीं
सफ़र में मुश्किलें आये तो जुर्रत और बढ़ती है, कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है।
जल्दबाज़ी और गुस्से में किए गये कार्य सदैव दुखदायी होते है, क्रोध वो तुफान है जिसके थमने के बाद हुए नुकसान का पता चलता है…