#Quote

मैं उस दरख्त की तरह हूं, जिसके पत्ते रोज गिरकर जमीन पर बिखर जाते हैं, लेकिन वह हवाओं से अपना रिश्ता कभी नहीं बदलता।

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आपको खुद पर आत्मविश्वास न हो, फिर भी आत्मविश्वासी होने का नाटक कीजिए। एक दिन ऐसा आएगा जब आपको खबर तक न होगी और आपको अपने आप पर सबसे ज्यादा भरोसा होगा।
मैं हर रात कुछ इस क़दर बिखरता हु, की मुझे समेटने के लिए ये रात सदियों में गुजरती है..!!!
वक्त से पहले मिली चीजें अपना मूल्य खो देती है और वक्त के बाद मिली चीजे अपना महत्व।
जिस किताब की कहानी कुछ अपनी सी लगे, उसे अपने दिल के करीब रखिए,
वक्त को अपना वक्त बनाने में वक्त लगती है I
है जिनके_पास अपने वो अपनों से #झगड़ते है, नहीं #जिनका कोई अपना वो अपनों को ‘तरसते’ है.
ए दिल अब तो होश मैं आ. यहाँ तुझे कोई अपना कहता ही नहीं. और तू है की खामख्वा किसी का बनने पे तुला ।
मैं उस दरख्त की तरह हूं जिसके पत्ते रोज गिरकर जमीन पर बिखर जाते हैं, लेकिन वह हवाओं से अपना रिश्ता कभी नहीं बदलता।
जो अपना दोस्त खुद बन जाता है उसे दोस्तों की दोस्ती की जरूरत ही नहीं रहती।
मैं सही फैसले लेने में यकीन नहीं करता