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मैं उस दरख्त की तरह हूं जिसके पत्ते रोज गिरकर जमीन पर बिखर जाते हैं, लेकिन वह हवाओं से अपना रिश्ता कभी नहीं बदलता।

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जिंदगी मिलती सबको एक सी है बस इसे जीने के तरीके अलग होते हैं।
आत्मविश्वास तो हर कोई अपने में ले आता है, लेकिन आत्मसम्मान का तजुर्बा उम्र के साथ आता है।
भरोसा भी बड़ी अजीब चीज है। खुद पर करो तो यह आपकी सबसे बड़ी ताकत है और दूसरों पर करो तो यही आपकी सबसे बड़ी कमजोरी भी है।
प्यार करना सीखिए फिर वो खुद से ही क्यों न हो। आजकल नफरत तो हर कोई करता है।
मैं उस दरख्त की तरह हूं, जिसके पत्ते रोज गिरकर जमीन पर बिखर जाते हैं, लेकिन वह हवाओं से अपना रिश्ता कभी नहीं बदलता।
एक पतंग की तरह उड़ना सीखो, जो उड़ती तो आजाद है लेकिन संस्कारों की डोरी साथ लेकर।
मैं गलत हो सकता सकती हूं, लेकिन नकारा नहीं। खराब घड़ी भी दिन में एक बार सही समय बताती है।
सूरज और चांद की ख्वाहिश नहीं मुझे जहां दिल को सुकून मिले वहीं मेरे खुदा का दर है।
अपनी जिंदगी की हर बात को इतनी गंभीरता से न लीजिए। आप किसी मिसाइल का निर्माण नहीं कर रहे हैं।
हवाओं के भरोसे मत उड़,चट्टाने तूफानों का भी रुख मोड़ देती हैं,अपने पंखों पर भरोसा रख,हवाओं के भरोसे तो पतंगे उड़ा करती हैं ये शायरी कहती है कि खुद पर भरोसा रखना सबसे ज्यादा जरूरी है।