#Quote

मैं इश्क लिखूं और उसे हो जाए काश मेरी शायरी में कोई ऐसे खो जाए

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अब वो नफरत में बदल गयी है।
वक़्त कट तो भी नहीं, वक़्त रुकता भी नहीं। दिल है सजदे में मगर, इश्क झुकता भी नहीं।
तुम नफरत का धरना
छुपा रहा हूं इश्क अभी सबसे पर एक दिन सरेआम तुम्हें लेने आऊंगा
जैसे कभी जानते ही नहीं थे
बात जो भी हो सामने बया होती है ए दोस्त इश्क़ में चालाकियाँ कहाँ होती है
तेरी हर एक बात को हंसते-हंसते सह लूंगा बस मोहब्बत में शामिल कोई और ना हो
तुम ना ही मिलते तो अच्छा था,
चाहे जितना भी टाइम लग जाए पर मुझे इस जिंदगी में सिर्फ तू ही चाहिए
मैं बिन फेरों के भी रिश्ता निभाऊंगा बश तुम मेरा हाथ थामें रखना