#Quote

सुनो ! तुम मेरी वो आदत हो, जिसे मैं चाह कर भी नहीं छोड़ सकता !

Facebook
Twitter
More Quotes
हम जो कुछ भी है वह हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बिताया काम करता है तो उसे कष्ट ही मिलता है यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता है या काम करता है तो उसकी परछाई की तरह खुशियों उसका साथ कभी नहीं छोड़ती।
तुम्हें देखा तो मोहब्बत भी समझ आई, वरना इस लफ्ज़ की तारीफ सिर्फ ही सुना करता था मैं !
प्यार ही वह शक्ति है जो हमें जीवन के सभी संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा देती है। प्रेम के बिना, जीवन एक सूनी रेगिस्तान बन जाता है।
कोई सबूत नहीं होता है मोहब्बत का सामने नाम लेने पर धड़कने बढ़ जाए तो समझो मोहब्बत बेइंतेहा है !
छुपाने लगा हूँ कुछ राज अपने आप से, जब से मोहब्बत हुई है हमें आप से !
आज तो हम ख़ूब रुलायेंगे उन्हें, सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है।
वह जो सोचता है वही बन जाता है। (महात्मा गांधी)
सात फेरों से तो, महज शरीर पर हक मिलते हैं, आत्मा में हक तो रूह के फेरों से मिलते हैं !
आज तो हम ख़ूब रुलायेंगे उन्हें, सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत
सुनो ! तुम मेरी वो आदत हो, जिसे मैं चाह कर भी नहीं छोड़ सकता !