#Quote
More Quotes
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
आज टुटा एक तारा देखा, बिल्कुल मेरे जैसा था, चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा, बिल्कुल तेरे जैसा था.
व्यक्ति कर्मों में जीता है वर्षों में नहीं
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
हर चमकती हुई चीज़ सोना नहीं होती।
उम्मीद छोड़ी हैं तुमसे मोहब्बत नहीं.
पहले पड़ती थी बहुत सी बातों पर फर्क, अब किसी बात पर नहीं पड़ती।
जिसने भी किया है कुछ बड़ा वो कभी किसी से नहीं डरा I
आप किस कुल, परिवार में जन्मे हो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। आपको बस दूसरों से हटकर अपनी राह बनानी होती है।
आपके पास तब तक कोई सुरक्षा नहीं है जब तक आप बहादुरी से, रोमांचक ढंग से, कल्पनाशील रूप से नहीं जी सकते; जब तक आप क्षमता के बजाय चुनौती नहीं चुन सकते।