#Quote

कोई सिखादे मुझे भी अपने वादों से मुक़र जाना ! बहुत थक चुका हूँ निभाते-निभाते.

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दूसरो के लिए कभी अपने उसूलों के साथ समझौता न कीजिए अपने आत्मसम्मान की रक्षा खुद कीजिए !
ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली ! गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने.
मंजिल दूर और सफर बहुत है, छोटी सी जिंदगी की फिक्र बहुत है,
मैं हमेशा डरता था उसे खोने से ! उसने ये डर ही ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर.
इस बात से फर्क नहीं पड़ता तुम कितनी ग़लती करते हो या कितनी धीरे बढ़ रहे हो, उन लोगों से बहुत आगे हो जो कोशिश ही नहीं
लोग कहते हैं हमसे तुम बहुत बदल गए हो ! तो अब क्या टूटे हुए पत्ते रंग भी न बदलें.
जो लोग दर्द को समझते हैं, वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते.
दुःख तुमने मुझे नहीं दिया है, मैंने अपने आप को दुःख दिया है.
यूँ सिमट गया मेरा प्यार चंद अल्फाज़ो में ! जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं.
बस अपने मन को मजबूत रखिये ज़िंदगी खुद-ब-खुद हलकी