#Hindi Quote
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एक व्यक्ति द्वारा स्वामी विवेकानंद से पूछा गया, सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा क्या है ? स्वामी जी ने उत्तर दिया की “वो ऊमीद खोना जिसके भरोसे पर हम सब कुछ वापस पा सकते है!
रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, ए मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ
भूल होना प्रकृति है, मान लेना संस्कृति है, और सुधार लेना प्रगति है!
अगर आपने सफर शुरू कर ही दिया है तो बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि वापस आने में जितनी दूरी तय होगी क्या पता मंजिल उससे भी पास हो।
न कर फ़िक्र की जमाना क्या सोचेगा, ज़माने को अपनी ही फ़िक्र से फुरसत कहाँ!
हार मत मानो, हंमेशा अगला मौका ज़रूर आता है!
उम्र से अधिक अनुभव परिस्थितियों का सामना करने से आता है
अंधेरो से घिरे हो तो घबराए नहीं, क्यूंकि सितारों को चमकने के लिए, घनी अँधेरी रात ही चाहिए होती है, दिन की रौशनी नहीं!
जिस बात से डर लगता हो, उस क्षेत्र में अपना ज्ञान बढ़ाना आरंभ कर दें, डर भाग जाएगा, डर सदैव अज्ञानता से उपजता है !
कोई तुम्हारा साथ न दे तो गम न कर, खुद से बड़ा दुनिया में कोई हमसफ़र नहीं होता!