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इससे ज्यादा इश्क का सबूत और क्या दूं साहब मैंने उसके जिस्म को नहीं उसकी रूह को चुना है
बेकार में मोहब्बत से नफरत हो गयी।
अब वो नफरत में बदल गयी है।
अंधेरे को अंधेरे से नहीं निकाला जा सकता। नफरत को नफरत से नहीं निकाला जा सकता, केवल प्यार ही इसे निकाल सकता है। – मार्टिन लुथर किंग जूनियर
मैं बिन फेरों के भी रिश्ता निभाऊंगा बश तुम मेरा हाथ थामें रखना
प्यार करना सीखिए फिर वो खुद से ही क्यों न हो। आजकल नफरत तो हर कोई करता है।
प्यार करना सीखिए, फिर वो खुद से ही क्यों न हो। आजकल नफरत तो हर कोई करता है।
समझ नहीं आता किस पर भरोसा करू,
जब वक़्त अच्छा होता है तब नफरत करने वाले भी चाहने लगते है, लेकिन जब वक़्त बुरा होता है तो चाहने वाले भी नफरत करने लगते है।
निपुणता हमेशा आपके आसपास के लोगों के प्रति आपके प्रेम और परवाह का नतीजा होनी चाहिए - न कि एक मशीनी और उदासीन कार्य-भावना का।